कांग्रेस नहीं परिवार वाद
कांग्रेस कांग्रेस ना रही ,
परिवारवाद की पहचान बन गई ।
सोनिया ,राहुल और प्रियंका तक ,
सिमट के रह गई ।
और भी तो होंगे बुद्धिशाली ,
अनुभवी कार्यकर्ता सदस्य इसमें ,
मगर उनकी पहचान अब धूमिल ,
हो कर रह गई ।
इन तीनों के व्यक्तित्व का छाया,
इनपर ऐसा असर ।
इनको आला कमान बनाकर ,
प्रभुता स्वीकार कर ली गई ।
कांग्रेस तो यह तब थी जब ,
इसमें इंदिरा जी और राजीव जी ,
जैसे सशक्त महानायक थे।
इनके ना रहने से यह पार्टी ,
पतन के रास्ते पर मोड़ दी गई।
अब कोई पूछे कांग्रेस क्या है ?
यह कांग्रेस नहीं परिवार वाद है ।