Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Nov 2021 · 1 min read

कांग्रेस नहीं परिवार वाद

कांग्रेस कांग्रेस ना रही ,
परिवारवाद की पहचान बन गई ।
सोनिया ,राहुल और प्रियंका तक ,
सिमट के रह गई ।
और भी तो होंगे बुद्धिशाली ,
अनुभवी कार्यकर्ता सदस्य इसमें ,
मगर उनकी पहचान अब धूमिल ,
हो कर रह गई ।
इन तीनों के व्यक्तित्व का छाया,
इनपर ऐसा असर ।
इनको आला कमान बनाकर ,
प्रभुता स्वीकार कर ली गई ।
कांग्रेस तो यह तब थी जब ,
इसमें इंदिरा जी और राजीव जी ,
जैसे सशक्त महानायक थे।
इनके ना रहने से यह पार्टी ,
पतन के रास्ते पर मोड़ दी गई।
अब कोई पूछे कांग्रेस क्या है ?
यह कांग्रेस नहीं परिवार वाद है ।

Language: Hindi
1 Like · 8 Comments · 229 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
कड़वा सच
कड़वा सच
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
🙅दूसरा पहलू🙅
🙅दूसरा पहलू🙅
*प्रणय*
*आया जन्म दिवस मगर, कैसे कह दूॅं हर्ष (कुंडलिया)*
*आया जन्म दिवस मगर, कैसे कह दूॅं हर्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
चार लोगों के चक्कर में, खुद को ना ढालो|
चार लोगों के चक्कर में, खुद को ना ढालो|
Sakshi Singh
Pyasa ke dohe (vishwas)
Pyasa ke dohe (vishwas)
Vijay kumar Pandey
उन दरख्तों पे कोई फूल न खिल पाएंगें
उन दरख्तों पे कोई फूल न खिल पाएंगें
Shweta Soni
तुम रूठकर मुझसे दूर जा रही हो
तुम रूठकर मुझसे दूर जा रही हो
Sonam Puneet Dubey
चलो जिंदगी का कारवां ले चलें
चलो जिंदगी का कारवां ले चलें
VINOD CHAUHAN
यह जो लोग सताए बैठे हैं
यह जो लोग सताए बैठे हैं
Ranjeet kumar patre
19. कहानी
19. कहानी
Rajeev Dutta
निगाहों से पूछो
निगाहों से पूछो
Surinder blackpen
"आँखें"
Dr. Kishan tandon kranti
कोशिशों की न पूछ कुछ हमसे,
कोशिशों की न पूछ कुछ हमसे,
Dr fauzia Naseem shad
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
वस्तुएं महंगी नही आप गरीब है जैसे ही आपकी आय बढ़ेगी आपको हर
वस्तुएं महंगी नही आप गरीब है जैसे ही आपकी आय बढ़ेगी आपको हर
Rj Anand Prajapati
अब अपना पराया तेरा मेरा नहीं देखता
अब अपना पराया तेरा मेरा नहीं देखता
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
जनता मुफ्त बदनाम
जनता मुफ्त बदनाम
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
𑒧𑒻𑒟𑒱𑒪𑒲 𑒦𑒰𑒭𑒰 𑒮𑒧𑓂𑒣𑒴𑒩𑓂𑒝 𑒠𑒹𑒯𑒏 𑒩𑒏𑓂𑒞 𑒧𑒹 𑒣𑓂𑒩𑒫𑒰𑒯𑒱𑒞 𑒦 𑒩𑒯𑒪 𑒁𑒕𑒱 ! 𑒖𑒞𑒻𑒏
𑒧𑒻𑒟𑒱𑒪𑒲 𑒦𑒰𑒭𑒰 𑒮𑒧𑓂𑒣𑒴𑒩𑓂𑒝 𑒠𑒹𑒯𑒏 𑒩𑒏𑓂𑒞 𑒧𑒹 𑒣𑓂𑒩𑒫𑒰𑒯𑒱𑒞 𑒦 𑒩𑒯𑒪 𑒁𑒕𑒱 ! 𑒖𑒞𑒻𑒏
DrLakshman Jha Parimal
प्रेरक प्रसंग
प्रेरक प्रसंग
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3239.*पूर्णिका*
3239.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
gurudeenverma198
यायावर
यायावर
Satish Srijan
मोहब्बत-ए-सितम
मोहब्बत-ए-सितम
Neeraj Mishra " नीर "
चांद , क्यों गुमसुम सा बैठा है।
चांद , क्यों गुमसुम सा बैठा है।
Radha Bablu mishra
वर्तमान से ज्यादा
वर्तमान से ज्यादा
पूर्वार्थ
ठूँठ ......
ठूँठ ......
sushil sarna
प्रेम।की दुनिया
प्रेम।की दुनिया
भरत कुमार सोलंकी
शाश्वत और सनातन
शाश्वत और सनातन
Mahender Singh
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
एक ही दिन में पढ़ लोगे
एक ही दिन में पढ़ लोगे
हिमांशु Kulshrestha
Loading...