क़लम से इंकलाब
कोई ज़रूरी तो नहीं कि
बंदूक ही उठाई जाए
एहतिजाज के लिए!
अंबेडकर ने कहा था कि
एक कलम ही काफ़ी है
इंकलाब के लिए!!
हम दानिश्वरों के लिए
इज़हार के ख़तरों को
उठाते रहना लाज़मी है!
अपने देश और समाज में
सचमुच के जम्हूरियत के
आगाज़ के लिए!!
Shekhar Chandra Mitra
#अवामीशायर #इंकलाबीशायर
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