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17 Dec 2024 · 1 min read

कह मुकरियां

(1)लत है इसकी बहुत बेकार |
दुर्घटना करती जब यार |
हमको करती बहुत खराब|
ए सखी भाँग, न सखि शराब |

(2) अंग्रेजी का पाठ पढ़ावे |
हिंदी भाषा तनिक न भावे |
बच्चे देखें फिल्मी टीजर |
ए सखि साजन, न सखि टीचर|

(3) हिंदी भाषा ज्ञान करावे|
अब अंग्रेजी तनिक न भावे |
हिंदी फिल्में देखें सब जन |
ए सखी टीचर, न सखि गुरुजन |

(4 )ठाट बात से रहते खूब|
सूट -बूट टाई अजूब|
गरमा गरम भोज है ताड़ा|
ए सखि साजन,न सखि जाड़ा |

(5) नैना देखे रहते मौन |
हाव -भाव देखे यह कौन|
रीझ रूप पर करें समर्पण|
ए सखी साजन,न सखि दर्पण |

(6) उसके बिन ना महफिल सजती |
नृत्य करें सबका मन हरती |
जितना पीटो उतना बोल |
ए सखी साजन ,न सखि ढोल |

(7) उसके बिन सब करें बवाल |
सबका रहता एक सवाल|
उसके बिन जनता नित तरसी |
ए सखी नेता, न सखि कुर्सी |

(8) छत पर मेरी सर पर आया |
मेरे मन को है अति भाया|
मुस्काये वह मंदा- मंदा |
ए सखि साजन, न सखि चंदा|

(9) सुंदर मुख ना बोले वाणी |
गाल फुलाये रहता प्राणी |
होठों पर लाली का भान |
ए सखी साजन, न सखि पान |

(10) धंधा उसका चलता मंदा|
हिसाब में है पक्का बंदा|
दिन भर करता है चाकरी|
ए सखी साजन, न सखी नौकरी |

डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव,” प्रेम ”
MBBS , DCP

Language: Hindi
12 Views
Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
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