Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2024 · 1 min read

कह दो हँसकर अलविदा तुम(अलविदा 2024)

कह दो हँसकर अलविदा, तुम सभी मुझको।
खुश हमेशा रखें रब, तुम सबको।।
गर हुई हो खता, मुझसे कभी भूल से।
माँगता हूँ माफी मैं, माफ कर दो मुझको।।
कह दो हँसकर अलविदा————————-।।

गुजर गए दिन अब तक कैसे, नहीं मालूम।
कैसे होंगे सपनें भविष्य में, नहीं मालूम।।
मगर हो सभी के अच्छे दिन, भविष्य में।
रखें आबाद और सुखी, खुदा तुम सबको।।
कह दो हँसकर अलविदा——————–।।

सलामत रहें भाईचारा हमेशा, अपने वतन में।
नहीं बलवें हो कल जाति- धर्म के, अपने वतन में।।
मोहब्बत के गूँजे तरानें, वतन की फिजाओं में।
सच यही है उम्मीद, तुम सभी से मुझको।।
कह दो हँसकर अलविदा——————-।।

गर याद आये मेरी तो, तुम यह कर लेना।
मेरे लिखें ये गीतों- गज़ल, तुम सुन लेना।।
आँसू बहे नहीं किसी आँख से, यही चाहता हूँ।
चलता हूँ अब मैं, अलविदा कहकर तुम सबको।।
कह दो हँसकर अलविदा———————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
24 Views

You may also like these posts

चांद निकलता है चांदनी साए को तरसती है
चांद निकलता है चांदनी साए को तरसती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
2533.पूर्णिका
2533.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर
अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर
सत्य कुमार प्रेमी
इक तेरी ही आरज़ू में
इक तेरी ही आरज़ू में
डॉ. एकान्त नेगी
भाई बहन का प्य
भाई बहन का प्य
C S Santoshi
अब वो रूमानी दिन रात कहाँ
अब वो रूमानी दिन रात कहाँ
Shreedhar
लिट्टी-चोखा
लिट्टी-चोखा
आकाश महेशपुरी
"दामन"
Dr. Kishan tandon kranti
उपहास ~लघु कथा
उपहास ~लघु कथा
Niharika Verma
कैदी
कैदी
Tarkeshwari 'sudhi'
अपने दिल में चोर लिए बैठे हैं
अपने दिल में चोर लिए बैठे हैं
Suryakant Dwivedi
हार फिर होती नहीं…
हार फिर होती नहीं…
मनोज कर्ण
इस तरह कुछ लोग हमसे
इस तरह कुछ लोग हमसे
Anis Shah
माँ
माँ
meenu yadav
*जिस सभा में जाति पलती, उस सभा को छोड़ दो (मुक्तक)*
*जिस सभा में जाति पलती, उस सभा को छोड़ दो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दर्द सीने में गर ठहर जाता,
दर्द सीने में गर ठहर जाता,
Dr fauzia Naseem shad
ईरादा
ईरादा
Ashwini sharma
- जन्म से लेकर मृत्यु तक का सफर -
- जन्म से लेकर मृत्यु तक का सफर -
bharat gehlot
दीवाली जी शाम
दीवाली जी शाम
RAMESH SHARMA
Dr. Sunita Singh Sudha
Dr. Sunita Singh Sudha
Dr. Sunita Singh
गगन में लहराये तिरंगा
गगन में लहराये तिरंगा
नूरफातिमा खातून नूरी
समय जो चाहेगा वही होकर रहेगा...
समय जो चाहेगा वही होकर रहेगा...
Ajit Kumar "Karn"
"हर कोई अपने होते नही"
Yogendra Chaturwedi
हाय गरीबी जुल्म न कर
हाय गरीबी जुल्म न कर
कृष्णकांत गुर्जर
सबसे आसान है बहाने बनाकर खुद को समझाना। अपनी गलतियों पर खुद
सबसे आसान है बहाने बनाकर खुद को समझाना। अपनी गलतियों पर खुद
पूर्वार्थ
अहंकार का अंत
अहंकार का अंत
ओनिका सेतिया 'अनु '
कैसे कहूँ किसको कहूँ
कैसे कहूँ किसको कहूँ
DrLakshman Jha Parimal
आज की बेटियां
आज की बेटियां
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
Loading...