*कहॉं दो-चार घंटे से अधिक बच्चे झगड़ते हैं (हिंदी गजल/ गीतिका)*
कहॉं दो-चार घंटे से अधिक बच्चे झगड़ते हैं (हिंदी गजल/ गीतिका)
_________________________
1
कभी हो मेल जाता है, कभी आपस में लड़ते हैं
कहॉं दो-चार घंटे से अधिक बच्चे झगड़ते हैं
2
बड़ों के बीच झगड़े की वजह बस एक पैसा है
मगर बच्चे नहीं इस व्यर्थ के पचड़े में पड़ते हैं
3
अशर्फी से भरे मटके समझते तुच्छ है बच्चे
ये सुंदर-सा खिलौना हाथ में लेकर अकड़ते हैं
4
जो कहते हैं वही करते, वही हैं सोचते भी यह
हमेशा भाव भोलेपन के बच्चों में उमड़ते हैं
5
बड़े जब हो गए तो फिर, कहॉं वह मुफ्त की मस्ती
बहुत बहुमूल्य कुछ खोया, जो बचपन से बिछड़ते हैं
———————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451