मन कहेला नेह बन के हाथ उनकर थाम ली।
भोजपुरी ग़ज़ल
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मन कहेला नेह बन के हाथ उनकर थाम ली।
सब कहेला दिल से ना दिमाग से बस काम लीं।
चल रहल बाटे हवा बा बेवफाई से भरल,
अब वफ़ा के आस छोड़ी घूंट भर बस जाम लीं।
मोल नइखे अब वफ़ा के युग भइल बा बेवफ़ा,
दिल कहे गल्ती करी जनि नेह के मति नाम लीं।
आज पइसा प्यार पऽ भारी भइल सगरो इहा,
थाम ली दामन समय के नेह के कुछ दाम लीं।
बेवफ़ाई से मिलल गर दर्द टीसत बा सचिन,
दर्द से आराम खातिर आईं झंडू बाम ली।
✍️पं. संजीव शुक्ल ‘सचिन’