Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2024 · 1 min read

कही अनकही

वे शब्द जो मैंने कहे नहीं, वे गीत जो तुमने सुने नहीं
तुम मन अधरों से छू देना सारे मुखरित हो जाएंगे

कल को यह देह रही न रही पर गीत रहेंगे सदा यहीं
तुम इनको अपना स्वर देना शव भी जीवित हो जाएंगे

अव्यक्त भाव की भाषा की अभिव्यक्ति अक्षर होते हैं
जो गीत कंठ से ना निकले वे सबसे सुंदर होते हैं
हम नयन मूंद लेंगे अपने तुम अंतर पट खोले रखना
ये तेरे नूपुर की रुनझुन धुन से गुंजित हो जाएंगे

होंगे तन से अति दूर किंतु प्राणों से प्राण निकट होंगे
तब सहसा वे अनसुने राग अनगाये गीत प्रकट होंगे
तुम नितांत हो मौन मात्र लय में अनहद की खो जाना
ना जाने कितने विरस सुमन कानन विकसित हो जाएंगे

Language: Hindi
78 Views

You may also like these posts

अभी गनीमत है
अभी गनीमत है
शेखर सिंह
श्रीराम मंगल गीत।
श्रीराम मंगल गीत।
Acharya Rama Nand Mandal
लिवाज
लिवाज
उमेश बैरवा
मुक्तक
मुक्तक
Sonam Puneet Dubey
9) खबर है इनकार तेरा
9) खबर है इनकार तेरा
पूनम झा 'प्रथमा'
गलतियां हमारी ही हुआ करती थी जनाब
गलतियां हमारी ही हुआ करती थी जनाब
रुचि शर्मा
मैं चाहता हूं इस बड़ी सी जिन्दगानी में,
मैं चाहता हूं इस बड़ी सी जिन्दगानी में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुछ रिश्तो में हम केवल ..जरूरत होते हैं जरूरी नहीं..! अपनी अ
कुछ रिश्तो में हम केवल ..जरूरत होते हैं जरूरी नहीं..! अपनी अ
पूर्वार्थ
मिला है जब से साथ तुम्हारा
मिला है जब से साथ तुम्हारा
Ram Krishan Rastogi
तू सबसे महान हो किसान सुनअ भइया
तू सबसे महान हो किसान सुनअ भइया
आकाश महेशपुरी
एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा
एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा
Dhirendra Singh
नयनो का महिमा
नयनो का महिमा
Mukund Patil
संतुष्टि
संतुष्टि
Dr. Rajeev Jain
" इतिहास लिखो "
Dr. Kishan tandon kranti
तेरी यादों को रखा है सजाकर दिल में कुछ ऐसे
तेरी यादों को रखा है सजाकर दिल में कुछ ऐसे
Shweta Soni
हिंदी का अपमान
हिंदी का अपमान
Shriyansh Gupta
भोर होने से पहले ...
भोर होने से पहले ...
sushil sarna
गरीब–किसान
गरीब–किसान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
मेरे साथ जब भी कोई घटना घटती है,
मेरे साथ जब भी कोई घटना घटती है,
Ajit Kumar "Karn"
3676.💐 *पूर्णिका* 💐
3676.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सामाजिक रिवाज
सामाजिक रिवाज
अनिल "आदर्श"
तोरे भरोसे काली
तोरे भरोसे काली
उमा झा
बंदर
बंदर
अरशद रसूल बदायूंनी
शीर्षक तेरी रुप
शीर्षक तेरी रुप
Neeraj Agarwal
"प्रतिमा-स्थापना के बाद प्राण-प्रतिष्ठा" जितना आवश्यक है "कृ
*प्रणय*
मां जो है तो है जग सारा
मां जो है तो है जग सारा
Jatashankar Prajapati
जरूरी तो नही
जरूरी तो नही
Ruchi Sharma
नेताजी का पर्यावरण दिवस आयोजन
नेताजी का पर्यावरण दिवस आयोजन
Dr Mukesh 'Aseemit'
वह नारी है
वह नारी है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
Loading...