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25 Dec 2021 · 1 min read

कहीं देर न हो जाए

उसके दिल में कोई
और न बस जाए
जो सोचते रहे तुम,
कहीं देर न हो जाए।।

समय की नज़ाकत है
अब इज़हार किया जाए
जो डरते रहे अब भी
कहीं देर न हो जाए।।

पल पल बीत रहा ये जीवन
कहीं ज़िंदगी की शाम न हो जाए
जो बातें करते रहे इधर उधर की
तुम, फिर कहीं देर न हो जाए।।

हर चीज़ का वक्त होता है
कहीं तेरा वक्त बीत न जाए
है मंज़िल खड़ी सामने तेरे
फिर कहीं देर न हो जाए।।

डर है किस बात का तुमको
अब तो दिल की बात कह दी जाए
जान जाओगे रज़ा उसकी
इससे पहले कहीं देर न हो जाए।।

Language: Hindi
6 Likes · 1 Comment · 547 Views
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