कहानी
नोटों का कारनामा:दाँव पर लगी प्रेमिका की शादी….
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चारों तरफ बस तैयारियाँ ही तैयारियाँ कहीं दूल्हे की साज-सज्जा की पोशाकें कोट,पैण्ट,शेरवानी तो कहीं दुलहिन के नख से लेकर शिख तक के शृंगार का सामान! दोनों तरफ तैयारियाँ ….आखिर!अब बचे ही कितने दिन हैं???शादी का घर है तो इस तरह के कार्यों का होना तो लाजमी है!और जब शादी अपने सगे-सम्बन्धियों में हो तो रौनक ही कुछ और होती है अपने को भी डेंट-पेंट होना पड़ता है फिर यहाँ तो हमारे परम पूजनीय भइया विजय भाई के दिल का मामला था! कहने का मतलब उनकी प्रिय गर्लफ्रैण्ड के विवाह का प्रस्ताव था! बेचारे अन्दर से तो एकदम टूटे से पर दिल की पीर कहें भी तो किससे?? आखिर! गर्लफ्रैण्ड के पापा जी ने विवाह की सारी जिम्मेदारियाँ उनको जो सौंपी! मेरे प्यारे भाई बड़े ही संकोची और लड़कियों जैसे पल भर में भावुकता से ओत-प्रोत हो जाने वाले है! खैर अब तो निभाना ही है नहीं तो इनके प्रेम की अवहेलना होगी विवाह की पूरी जिम्मेदारियाँ पूरे दिल से निभाने में व्यस्त !!कल विवाह की मधुर बेला है समय एकदम करीब घड़ी की सुइयाँ मानो विजय भइया के दिल की धड़कनों को तेजी प्रदान कर रही हों!
विवाह में लड़के वाले ने #3लाख कैश और एक #पल्सर बाइक की डिमांड की थी!लड़का सिंचाई विभाग में चपरासी के पद पर कार्यरत है!
अंकल जी अपनी बेटी के लिए इन पैसों की कुर्बानी देने में बिल्कुल भी स्वयं को कोस नहीं रहे थे उनका कहना था लड़का सरकारी नौकरी में है हमारी बिटिया सारी उम्र सुख-चैन से रहेगी कोई दु:ख तकलीफ ना होगी एकदिन का रोना ठीक है सारी जिन्दगी का रोना ठीक नहीं है यही ठीक है कोई बात नहीं हमको कष्ट ही रहेगा पर बिटिया तो रानी बनके रहेगी! अंकल जी ने #3बीघे जमीन अपनी बेच दी और रूपयों का बन्दोबस्त कर लिया रुपया तैयार बस विवाह की देरी! अंकल जी के चेहरे पर बिटिया की खुशी के सपने झलक रहे थें!इधर विजय भइया भी रुपयों की गड्डी लगाने में फिट थे सब #1000 और #500 की लाल पीली नोटों की तही गड्डी!!तैयारियाँ पूरी तरह से फिट !!अचानक रात में अनिकेत भइया का फोन टर-टर करने लगा विजय भइया कहने लगे ई ससुर को अब का होयगा है रात मा फोन खैर …बड़बड़ाते नींद में फोन उठा ही लिया! फोन रिसीव करते ही एक ही आवाज सामने आयी अरे!!राम हो!कहाँ डूब मरी जाई ई मोदी जी तो बरबाद कईके रख दिहिन सही मा अच्छे दिन लाय के रख दिहिन अरे!राम हो !!विजय भइया-का भा? हो??अरे भइया मोदी जी 500औरि 1000 के नोटन के लिफाफा चलवाय दिहिन काल से नोट ना चलिहैं औरि दुइ दिन अब ना तो ए टी एम से नोट निकली ना बैंक मा लेन-देन!अरे! राम कतो हार्ट-अटैक न पड़ि जाय हमका!
विजय भइया नींद में तुम पगलाय गयेव हो लागत है? अरे !नाही भइया तई टी.वी. तो खोल के देखि लेव!
विजय भइया बस रजइया उठाय के सीधा बटन दाबिन रिमोट के तो देखिन मोदी जी शुरु………
अब विजय भइया कुछ सोच ही रहे थे तभी अचानक अंकल जी के फोन पर टर्-टर् की आवाज !!हैलो!हाँ समधी जी हम बोल रहे हैं और कैसे हैं?आप टी.वी. तो देख रहे होगें ना??अंकल जी-नहीं भाई साहब इधर जरा तैयारियों में जुटे हुए हैं अरे!! समधी जी कोई खबर तो जरुर सुनी ही होगी पूरे शहर में है….नहीं भाई साहब!बताइये तो कौन सी बात है??अरे!भाई यही की अब 500 और 1000 के नोट नहीं चलेगें बाजार में और दो दिन तक एटीएम और बैंक भी बन्द रहेगें! तो???आप तो समझ ही गये होगें ना हमें दहेज में ये नोट नहीं चाहिए ??देना है तो नये नोट या फिर चेक दीजिएगा!! अंकल जी अरे!!समधी जी ये कैसे सम्भव!!भला आप ही बताइये???
समधी जी–मुझे कुछ नहीं पता अगर दहेज इस प्रकार नहीं देगें तो विवाह नहीं होगा इतना ध्यान में रखना! बारात दरवाजे पर से लौट जायेगी !अंकल जी सुनकर पसीना-पसीना बेचारे कहाँ से लाये सौ-सौ की नोट या फिर चेक बैंक भी तो बन्द और कल ही तो शादी है बारात दरवाजे पर से लौट जायेगी कितनी बड़ी बेइज्जती होगी बिरादरी में कहीं मुँह दिखाने के लायक नहीं बचेगें फिर ऐसा सरकारी नौकरी वाला लड़का भी कहाँ जल्दी से मिलने वाला है बड़ी आफत है!! पिता को दु:खी देखकर यह खबर लड़की को भी पता चल जाती है.अब लड़की भी परेशान एक तो दिल पहले से ही टूटा था…अब विवाह में ये अड़चन …कैसी किश्मत है कहीं चैन नहीं है ये मोदी जी को भी अभी ही काला धन निकलवाना था! लड़की भी परेशान अब विजय भइया को लगाया फोन और रोने लगी कहा-विजय तुम मेरी शादी टूटने से बचा लो पापा की डूबती इज्जत बचा लो!कहीं से रुपयों के चेक का इन्तजाम करवा दो!!सारी व्यथा अपनी बता डाली
अब विजय भइया अपने गर्लफ्रैण्ड की बात को भला कैसे ना मानते बेचारे भावुक होकर बोले प्रिये!!तुम जरा भी परेशान न हो तुम्हारे लिए तो जान हाजिर है फिर ये कौन सी बात है??कुछ न कुछ हल जरूर निकालता हूँ थोड़ा धीरज रखो तुम रोव नहीं!!तुरन्त दिमाग घूमा प्रेमिका की साँसों की एक सुनहरी आह की तड़प की तरह
घर पर गये अपने! चुपके से! और ओम परकाश चाचा की आलमारी से तीन लाख का चेक लेकर हाजिर हो गये सुबह ही गर्लफ्रैण्ड के दरवाजे पर..यह देख अंकल जी बड़े खुश भाई को सीने से लगाकर कर बोले तुम मेरे बेटे हो आज से!! तुमने आज बहुत बड़ा उपकार किया है!कैसे तुम्हें धन्यवाद दूँ! विजय भाई मन ही मन सोच रहे थे कि अंकल जी काश! आप कह देते कि आज से तुम ही मेरे दामाद हो तो पूरी जिन्दगी के सपने बस केवल एक पल में पूरे हो जाते!!
खैर कार्यक्रम आगे बढ़ने लगा! विजय भाई ने सब्र का पत्थर रखकर सीने पर विवाह की गतिविधियों और रश्मों को पूरा किया दुल्हन को विदा किया नम आँखो के साथ !!इधर शन्नों काकी का रोय-रोय के बुरा हाल पूछने पर पता चला कि काकी काका की चोरी से 50000 रुपये सोवे वाली कथरी मा सिल के रखे रहिन!!मुदा नोट ना चलिहैं??? अब तो भई आफत 50000 में एको टका न मिलिहैं ऊपर से चोरी अलग से पकड़ी जाई!!अरे राम हो??अब का होई अरे मोदी बबुआ तुम तो हम औरतन के नाश कर दिहेव हम सबसे तुम्हार कऊन दुश्मनी रही जऊन तुम या हाल करेव!!
पता चला उधर से वासुदेव चाचा अपने घरवाली से परसो कुछ रुपया माँगे तो उनकी घरवाली ने साफ कह दिया ए जी!!तुम्हऊँ??हमरे पास तो फूटी कौडी़ नहिना!! और आज क्या हुआ जब यह मामला सरेआम हुआ भइया पूरे गाँव में अफरा-तफरी मच गयी तब वासुदेव चाचा की घरवाली ने 20000 रुपया चाचा को दिया सुपकते हुए और कहा- एजी लेव इहेका बदल दिहेव!! चाचा खिल-खिलाकर हँसने लगे कहें अरे!मतलब कि हर घर में काला धन है??? आज खोली है पोल मोदी जी ने पत्नियों की !!हर जगह औरतों में अफरा-तफरी मची हुई है इन रुपयों को लेकर….
सावित्री चाची कह उठी गये अब दिन नोट वाले बिस्तर के!
अब तो बस खाली करना है नेताओं के कनस्तर को!!
(कृपया सामान्य जन परेशान न हो ये मुहिम काले धन को एकत्रित करने वालों के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी ने चलायी है आप अपनी नजदीकी बैंक की शाखा में अपना पहचान पत्र दिखाकर नोट बदल सकते हैं और नयी नोट प्राप्त कर सकते हैं30 दिसम्बर तक)