कहानी का नाम – गुमनाम
कहानी का नाम – गुमनाम
प्रवेश अपने माता पिता की अकेली संतान है | उसके माता-पिता दैनिक मजदूर हैं | प्रवेश को उसके माता – पिता जीवन में एक अच्छे मुकाम पर देखना चाहते हैं | इसलिए दैनिक मजदूरी करते हुए भी वे उसे पढ़ाना चाहते हैं | प्रवेश को बचपन से ही ड्राइंग करने का शौक है | प्राथमिक शिक्षा में ही वह पक्षियों और जानवरों के चित्र बनाने लगता है | सभी उसकी ड्राइंग की प्रशंसा करते हैं | स्कूल में जितने भी ड्राइंग कंपटीशन होते हैं उन सभी में प्रवेश को प्रथम स्थान मिलता है | प्रवेश के माता – पिता उसकी इन उपलब्धियों पर बहुत खुश होते हैं |
धीरे-धीरे प्रवेश की ड्राइंग निखरने लगती है | प्रवेश ने 11वीं कक्षा में ड्राइंग को एक विषय के रूप में चयन किया | और 12वीं की परीक्षा में उसने ड्राइंग विषय में पूरे नंबर लेकर स्कूल का नाम रोशन किया | प्रवेश कर ड्राइंग के प्रति लगाव देख उसके ड्राइंग टीचर ने प्रवेश के माता-पिता को उसे कॉलेज में भी ड्राइंग से कोर्स करने को कहा | और आश्वासन दिया कि उसकी पढ़ाई का पूरा खर्चा वे स्वयं उठाएंगे | प्रवेश का कॉलेज में दाखिला हो जाता है | प्रवेश के माता पिता प्रवेश के भविष्य को लेकर आश्वस्त हो जाते हैं | 4 वर्ष के पाठ्यक्रम के बाद प्रवेश ने अपना पाठ्यक्रम बहुत ही अच्छे अंको से पूर्ण कर लिया | प्रवेश और उसके माता – पिता ने उसके स्कूल के ड्राइंग टीचर का धन्यवाद किया और भविष्य में भी उसका मार्गदर्शन करते रहने के लिए अनुरोध किया |
प्रवेश अब अपनी खुद की ड्राइंग उसकी गैलरी आयोजित करने लगा | और अच्छा खासा पैसा कमाने लगा | प्रवेश के माता-पिता अब दैनिक मजदूरी से मुक्त हो गए थे | अभी कुछ समय ही बीता था कि प्रवेश एक दिन अचानक मोटरसाइकिल से गिरकर अपनी याददाश्त खो देता है | प्रवेश के माता-पिता को अपनी इकलौती संतान को इस हाल में देख कर बहुत दुख होता है बहुत कोशिशों के बाद भी उसकी याददाश्त वापस नहीं आती |
याददाश्त खोने के बाद भी प्रवेश यहां-वहां भटकता रहा और कभी जमीन पर या कभी दीवार पर अपनी पेंटिंग्स बनाता रहा | याददाश्त खोये हुए प्रवेश को 4 वर्ष बीत चुके थे | उसके माता-पिता भी आस खोचुके थे | एक दिन अचानक एक व्यक्ति प्रवेश को दीवार पर पेंटिंग बनाते देख उसका वीडियो बना लेता है | और उस वीडियो को यूट्यूब पर डाल देता है | यूट्यूब पर यह वीडियो वायरल हो जाता है | और प्रवेश की इस कला को एक आर्ट गैलरी का व्यापारी देख लेता है और वह व्यापारी प्रवेश के बीमारी का पूरा खर्च उठाने के लिए तैयार हो जाता है | और मैं उसे अपने साथ विदेश ले जाता है जहां पर प्रवेश का इलाज करीब 3 महीने चलता है | उसके बाद प्रवेश पूरी तरह से ठीक हो जाता है |इसके बाद वह व्यापारी प्रवेश वापस अपने देश ले आता है और प्रवेश को अपनी कंपनी में नौकरी पर रख लेता है और प्रवेश को गुमनाम जिन्दगी के अंधेरे से बाहर ले आता है | आज प्रवेश एक बहुत ही ऊंचे मुकाम पर है और उसके माता – पिता उस व्यापारी का कोटि – कोटि धन्यवाद करते हैं |