कहां है हमारा स्वदेशी भारतीय फिल्म जगत ?
जब तक था यह भारतीय फिल्म जगत,
पूर्ण स्वदेशी और प्यारा सा लघु भारत ।
देशभक्ति भावना परिपूर्ण की गंगा बहती ,
और सर्वधर्म समभाव / मनुष्यता से युक्त ।
समाज सुधार की निर्मल भावना व् उद्देश्य ,
फिल्म निर्माण एवं गीत संगीत में निहित ।
मधुरता एवं पवित्रता का सुन्दर संयोजन,
देश तो क्या दीवाना होता था सारा जगत ।
जन्म दाता थे इसके महान दादा फालके जी ,
बड़े कठिन परिश्रम से किया था इसे स्थापित ।
मगर अब यह वो फिल्म जगत नही रहा ,
देखकर उनकी आत्मा होती होगी आहत ।
क्योंकि अब यह बन गया बॉलीवुड नापाक,
गुंडागर्दी ,गैंगस्टर ,कातिलों से भरा पंक।
देशद्रोह ,अश्लीलता ,हिंसा ,गाली गलोच ,
और भी अनेक जघन्य अपराधों का जनक।
देश और समाज को बर्बाद कर रहा है इसका ,
अमानुषिक ,अमानवीय कर्म अति घृणित।
भारतीय संस्कृति और सभ्यता का उपहास करे ,
हमारे अतिपूजनीय गुरुजन,देशभक्तों ,देव पुरुषों ,
को करते यह अपमानित ।
हमारे देश के नाम कलंक ये पूर्ण नाश न कर दे ,
मानवता और सर्व धर्म समभाव करो आरक्षित ।
इस बॉलीवुड को करो पुनः राष्ट्रीय करण तुरंत ,
बनाने को सुन्दर भारतीय फिल्म जगत ।