कहाँ है तू और कहाँ तेरा वादा
कहाँ है तू और कहाँ तेरा वादा
हर इक ही है अधूरा आधा वादा
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मेरे यकीं और मेरी मुहब्बत को
देता है धोखा फिर तुम्हारा वादा
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न हो मुश्किल तुझे निभाने मे
कहाँ से ढूंढ लाये,हम ऐसा वादा
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यकीं जिस पर भी न रहा बाकी
देता है फिर से वो इक नया वादा
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इंतहा हो चुकी अब तेरे वादों की
न खेल हमसे तू और वादा वादा
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कपिल कुमार
09/12/2016