कहाँ बदली गई
(१)
कभी घर पर नहीं करते, कभी बाहर नहीं करते
किसी भी धर्म की निन्दा, किसी भी दर नहीं करते
दिखे मंदिर, दिखे मस्जिद, झुका देते हैं सिर अपना
निवासी हिन्द के हैं हम, कभी अंतर नहीं करते
(२)
सत्ता यहाँ बदली गई सत्ता वहाँ बदली गई.
इस देश की तस्वीर लेकिन कब यहाँ बदली गई.
हर रोज फर्नीचर नया आता रहा दरबार में,
टूटी हुई वह खाट बुधिया की कहाँ बदली गई
(३)
नहीं किसी से प्यार किया है
नहीं कभी उपकार किया है
व्यर्थ तुम्हारा जीवन मानव
धन संग्रह बेकार किया है