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25 Feb 2024 · 1 min read

#कहमुकरी

#कहमुकरी

कैसी बदली, कैसी बदली
देखूं जब भी, बोले पगली
रंग रूप का, यह है अर्पण
क्या सखि साजन, ना सखि दर्पण

रोज रात को, मुझे सतावे
आ जा आ जा, मुझे बुलावे
पूनम की यह, मंगल सजनी
क्या सखि साजन, ना सखि रजनी

सूर्यकांत

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