* कहने वाले मिले हैं मुझसे *
प्रारम्भिक बोल
आज की दुनियां में प्यार की बात
करते हैं लोग दुनियादारी की तरह
पर प्यार करने वालो के लिए यह
बात वियोग की रात से कम नहीं
पर तुम्हारी बात कुछ ओर है ।।
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कहने वाले मिले हैं मुझसे बहुत
जो कहते है मुझसे आई लव यू
झांके जो उनके अंदर जो दिल के
मैला मिले क्यूं उनका दिल यूं
ना जाने दुनियां वाले क्यूं कहते
उनके दिल को फिर भी दिल क्यूं
प्रीत लगाके मीत बनाके होते है
क्यूं वो दिल से दूर क्यों दुनिया की नज़रों में हो जाते मशहूर
मजबूर दिलवाले हो जाते है ठाले
प्यार वफ़ा की क़ीमत वो क्या जाने
रह जाते हैं वो प्यार से महरूम
प्यार करो तो ऐसा करो यारों
हो जाए सब ग़म दिल जो दूर
प्यार नही है खेल खिलौना
खेल-खेल में तोड़ो जो यारों
प्यार है वो पूजा का फूल
इबादत में दिल की चढ़
फिर न हो कोई भूल
प्यार इबादत है ख़ुदा की
प्यार है अल्लाह का नूर
जगमग करे दिल-घर हो रोशन
प्यार नही है सौदा ओ यारों
जो हम ख़रीदे हाट-बाजारों
प्यार करते हैं हम भी दोनों
पर है हम मजबूर दिल से
दिल को दिल की चाह लगी है
आहे जो भरते रहकर यूं दूर ।।
कहने वाले मिले हैं मुझसे बहुत
जो कहते है मुझसे आई लव यू ।।
?मधुप बैरागी