Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2024 · 1 min read

कहने को तो जिन्दगानी रही है ।

न राजा रहा है न रानी रही है,
प्रजातंत्र की बस कहानी रही है,
नमन त्याग से जो करें देश सेवा,
ये जनता उन्हीं की दिवानी रही है,
ये जनता को है हक जिसे चाहे चुन ले,
पसंद अपनी अपनी पुरानी रही है,
नहीं छोड़ सकती वो अपना चलन है,
हवा की तो अपनी रवानी रही है।
हैं काफी फक़त चार पल ही सुकूं के
कहने को तो जिन्दगानी रही है ।

Language: Hindi
2 Likes · 98 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनुराग दीक्षित
View all
You may also like:
समंदर
समंदर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
राहुल रायकवार जज़्बाती
छन्द- सम वर्णिक छन्द
छन्द- सम वर्णिक छन्द " कीर्ति "
rekha mohan
Poem
Poem
Prithwiraj kamila
जाय फिसल जब हाथ से,
जाय फिसल जब हाथ से,
sushil sarna
तेरी खुशियों में शरीक
तेरी खुशियों में शरीक
Chitra Bisht
प्यार और धोखा
प्यार और धोखा
Dr. Rajeev Jain
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मां ने जब से लिख दिया, जीवन पथ का गीत।
मां ने जब से लिख दिया, जीवन पथ का गीत।
Suryakant Dwivedi
ग़ज़ल _ असुरों के आतंक थे ज़्यादा, कृष्णा ने अवतार लिया ,
ग़ज़ल _ असुरों के आतंक थे ज़्यादा, कृष्णा ने अवतार लिया ,
Neelofar Khan
देश से दौलत व शोहरत देश से हर शान है।
देश से दौलत व शोहरत देश से हर शान है।
सत्य कुमार प्रेमी
नौकरी (२)
नौकरी (२)
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
"सुनो जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी पास बैठो तो सुनावो दिल का हाल
कभी पास बैठो तो सुनावो दिल का हाल
Ranjeet kumar patre
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
4322.💐 *पूर्णिका* 💐
4322.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मेरा लोकतंत्र महान -समसामयिक लेख
मेरा लोकतंत्र महान -समसामयिक लेख
Dr Mukesh 'Aseemit'
करगिल के वीर
करगिल के वीर
Shaily
आधार छंद - बिहारी छंद
आधार छंद - बिहारी छंद
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
#परिहास-
#परिहास-
*प्रणय*
यहां लोग सच बोलने का दावा तो सीना ठोक कर करते हैं...
यहां लोग सच बोलने का दावा तो सीना ठोक कर करते हैं...
Umender kumar
इंसानियत का चिराग
इंसानियत का चिराग
Ritu Asooja
राम : लघुकथा
राम : लघुकथा
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
न्याय यात्रा
न्याय यात्रा
Bodhisatva kastooriya
प्रेम के खातिर न जाने कितने ही टाइपिंग सीख गए,
प्रेम के खातिर न जाने कितने ही टाइपिंग सीख गए,
Anamika Tiwari 'annpurna '
वो भी तो ऐसे ही है
वो भी तो ऐसे ही है
gurudeenverma198
खुद गुम हो गया हूँ मैं तुम्हे ढूँढते-ढूँढते
खुद गुम हो गया हूँ मैं तुम्हे ढूँढते-ढूँढते
VINOD CHAUHAN
"" *गणतंत्र दिवस* "" ( *26 जनवरी* )
सुनीलानंद महंत
भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा बदे सरकार से अपील
भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा बदे सरकार से अपील
आकाश महेशपुरी
कोई हंस रहा है कोई रो रहा है 【निर्गुण भजन】
कोई हंस रहा है कोई रो रहा है 【निर्गुण भजन】
Khaimsingh Saini
Loading...