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2 May 2024 · 1 min read

कहती नही मै ज्यादा ,

कहती नही मै ज्यादा ,
मेरी कविताएं बोलती है
मेरे जज़्बात मेरे विचारो को
कलम और स्याही तोलती है
सिंचित कर रही हूं कल्पनाओं को
भाव की बारिश में भीगकर
खाली पन्नो को तराशने के लिए
ये आंखे नए रोमांच टटोलती है

शून्या

Language: Hindi
1 Like · 60 Views
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