कहती गई
सच तेरी मुहब्बत में हमेशा,मैं यूँ ही बहती गई ,
मुहब्बत की दरिया में बह,आज यहाँ आ गई,
याद है मुझे वो लम्हे,जो कभी गुजारा था यहाँ,
पता ही न चला कि कब किनारे से दूर हो गई,
लालजी ठाकुर
सच तेरी मुहब्बत में हमेशा,मैं यूँ ही बहती गई ,
मुहब्बत की दरिया में बह,आज यहाँ आ गई,
याद है मुझे वो लम्हे,जो कभी गुजारा था यहाँ,
पता ही न चला कि कब किनारे से दूर हो गई,
लालजी ठाकुर