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18 Jul 2024 · 1 min read

कस्तूरी (नील पदम् के दोहे)

कस्तूरी नाभि बसे, मृग न करे अहसास,
ज्ञान की कस्तूरी गई, बिना किये अभ्यास।

(c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”

1 Like · 87 Views
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