होठों पे वही ख़्वाहिशें आँखों में हसीन अफ़साने हैं,
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढ़ते हैं।
हमारी दुआ है , आगामी नववर्ष में आपके लिए ..
मिलोगे जब हमें प्रीतम मुलाकातें वही होगी
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
दबी जुबान में क्यों बोलते हो?
राम आयेंगे अयोध्या में आयेंगे
बारिशों में कुछ पतंगें भी उड़ा लिया करो दोस्तों,
किसी ने प्रेरित किया है मुझे
खुद से मिल
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
गर तू गैरों का मुंह ताकेगा।