*रात से दोस्ती* ( 9 of 25)
**कब से बंद पड़ी है गली दुकान की**
राम के नाम को यूं ही सुरमन करें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
रक्खा था ख्वाब आंखों में अपनी संभाल कर ।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को समर्पित
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
बहुत गुनहगार हैं हम नजरों में
*हृदय की वेदना कैसे, कहो किसको बताऍं हम (गीत)*
हर रात मेरे साथ ये सिलसिला हो जाता है
मैं आत्मनिर्भर बनना चाहती हूं
𑒂𑓀𑒑𑒳𑒩𑒹 𑒣𑒩 𑒪𑒼𑒏 𑒏𑒱𑒕𑒳 𑒑𑒱𑒢𑒪 𑒖𑒰 𑒮𑒏𑒻𑒞 𑒕𑒟𑒱
आम पर बौरें लगते ही उसकी महक से खींची चली आकर कोयले मीठे स्व
शिवजी भाग्य को सौभाग्य में बदल देते हैं और उनकी भक्ति में ली
ज़िंदगी यूँ तो बड़े आज़ार में है,