कश्मीर
कश्मीर झील, वादियों ,घाटियों का शहर ..केसर की खुशबू से महकता ,सेब जैसा मीठा , सुर्ख, गुनगुनाता शहर कश्मीर .. जिसके बारे में अमीर खुसरो में कहा है, “गर फिरदौस बर रूये ज़मी अस्त/ हमी अस्तो हमी अस्तो हमी अस्त” (जमीन पर कहीं जन्नत है ;तो यहीं है, यहीं है, यहीं है..)
पर जब हम कश्मीर को एक कश्मीरी की नज़र से देखते हैं तो कश्मीर वहां के बाशिंदों के खून से सना, मद्धम मद्धम कराहता, अपनी आज़ादी के लिए तड़पता, जैसा कि हर इंसान का हक़ है, से महरूम ,घुटता और उसी घुटन में अपनी आने वाली नस्लों को सवांरने, इस फ़िज़ा से दूर रखने की जद्दोजहद में पिसता नज़र आता है। मासूम बेटे जिन्हें नही पता उनके बाप कहाँ किस जुर्म में लापता कर दिए गए, उन्हें तलाशता, भाई अपनी बहनों माँओं की अस्मत बचाने के जुर्म में आतंकवादी बता कर मार डाले गए या गायब कर दिए गए उनका रास्ता तकती माएं, उनकी बहनें .. किससे बयान करें अपनी तकलीफें , कहाँ? किससे इंसाफ की गुहार लगाएँ ? क्योंकि ये ज़ुल्म ओ सितम उन्हीं लोगों ने किये हैं जिन्हें उनका मुहाफ़िज़ बना कर उनकी सहूलियत और हिफाजत के लिए या के बहाने हुकूमत ने इन पर नाज़िल की है
ये मुहाफ़िज़ उन कश्मीरी औरतों की अस्मत से खिलवाड़ करतें हैं, उनके मर्दों और बच्चों पर जुल्म करतें हैं और हुकूमत में बैठे चंद भेड़िये अपने फायदे के लिए इस जुल्म में उनका साथ देते हैं क्योंकि ये कश्मीर की हुरें उनके बिस्तरों की भी ज़ीनत बनाई जातीं हैं
वरना इतना सब खुले आम होने के बाद भी हुकूमत इनसे मुँह कैसे मोड़ सकती है। हर कश्मीरी के दिल में नफरत है हुकूमत के खिलाफ .. इसलिए ये लड़ते हैं अपने हक़ के लिए, अपनी कुव्वत के मुताबिक.. और हमेशा ही इनको खामोश करा दिया जाता है , इनके नन्हें बच्चों पर कभी पैलेट गन का इस्तेमाल करके , कभी इनकी औरतों की जबरन अस्मत लूट के कभी इनके मर्दो और बच्चों को आतंकवादी बता के मार के..
ये हुकूमत ऐसी ही है दोगली ,आज भी आर्मी की जिना का शिकार हुई एक पूरे गावँ की औरतें अपनी हालात पर आंसू बहाती हैं जिन्हें इंसाफ के नाम पर कुछ भी नहीं मिला बल्कि इस लड़ाई में उनकी ही इज़्ज़त उछली गयी
अब जबकि मेजर गोगोई का मामला सामने आया है
कुछ असरदार लोग इसे भी दबाने में लगे हैं क्योंकि ये जानते हैं इनके गिरेबान तक कोई हाथ नही पहुंचेगा न ही इनकी बहन बेटियों के दामन तक किसी जिनाकार का हाथ..
खुदा इनके इस तकब्बुर को मिटाएं
ताकि इन्हें भी कश्मीर की वादियों में कराहती हुई आवाज़ों की सदा इनके ख्वाबों तक मे दहशत पैदा कर दे