कश्ती तो वही है तो क्या दरिया बदल गया
कश्ती तो वही है तो क्या दरिया बदल गया
या फिर भँवर का ज़ोरों ज़बरिया बदल गया
कुछ नए लोग निशाने पे आने लगे हैं
सुन रहे हैं उनका ख़बरिया बदल गया
किरदार न बदला न तेवर तेजो तर्रारी
बदला है तो बस उनका साँवरिया बदल गया
धूप न बदली न झोंके हवा के बदले
आँगन झरोखे और अटरिया बदल गया
लोग भी वही मेरा किरदार भी वही
हालात क्या बदले कि नज़रिया बदल गया
कंचन