कवि
कवि
होतें हैं
मेरे ख्याल से
तीन प्रकार के
शोषित
कुपोषित
स्वयंपोषित
शोषित कवी होतें हैं
बेहद समृद्ध और अमीर
क्योंकि सत्ताधारी उनका
शोषण कर उन्हें
मालमाल करतें हैं ।
कुपोषित कवी होतें हैं
विपक्षी दल के जिन्हें
सत्ताधारी वंचित रखतें हैं
हर तरह के पद से ।
और
स्वयंपोषित कवि
होतें हैं सबसे गरीब ।
क्योकिं
उनका दोहन
करता है समाज
और व्यवस्था
जिसके लिए वो लिखता है ।
-अजय प्रसाद