कवि
दिल मे छुपे राज सबको बताए नहीं जाते,
जख्म जो लगे हो सीने पर वो दिखाए नहीं जाते।।
रिश्ते कई बेनाम जुड़ जाते हैं,
सारे रिश्ते हमसे निभाए नहीं जाते।।
आजकल चेहरों को पर्दे मे छुपाया जाता हैं,
इस तरह से पर्दे उठाए नहीं जाते।।
जिंदगी ने इतने नाम दे दिए,
सारे नाम हमसे बताए नहीं जाते।।
कहने को तो हम रास्तों पर चल पड़े हैं,
मंजिल दूर है रास्ते ठहराए नहीं जाते।।
हम तो सबका दिया जहर पी लेते हैं,
इस तरह से सबको जहर पिलाए नहीं जाते।।
काम कुछ ऐसा करो दिलो पर छप जाओ,
ऐसे मे तो कवि कवलाए नहीं जाते।।
कृति भाटिया।।