Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Sep 2017 · 1 min read

कवि महोदय…..

पढ़ पढ़ के कविताएं हमपे भी कवि बनने का जूनून सवार हो गया….
हम इस से भी बढ़िया लिख सकते हैं दिमाग पे यह भूत सवार हो गया…
इस शान से जोश में कलम को मैंने उठा लिया…
जैसे लेखनी में तगमा कोई अभी हो पा लिया…
अभी कुछ सोचते के नींद आँखों में भर आयी….
पी एक-दो चाय की प्याली और एक मस्त ली अंगड़ाई….
लगे खयाली पुलाव पकाने और उसपे तड़के लगाने….
जोश की आग में कलम को ऐसे तपाया….
कि खिचड़ी बन सब बाहर आया…..
मस्त हो के लिखे का अवलोकन जो करने लगे….
पूछो मत क्या क्या अपने अंदर से बेस्वाद शब्द निकलने लगे….
फिर महबूब कि तस्वीर उठायी….
लगा आज तो ग़ज़ल बस निकल ही आयी…
उसकी खूबसूरती में हम इतना खो गए….
फिर क्या था बिना कुछ सोचे..लिखे सो गए…
बड़े बड़े कविओं के फिर संग्रह उठाये….
पर शब्द उनके मेरी समझ न आये….
बीन वो मेरे आगे मुंह फुलाए बजाने लगे…
हम फिर कोई और जुगाड़ बिठाने लगे…..
थक हार के फिर हमने इक तरकीब लगाई…
नामी ग्रामी रचनाओं कि एक सूची बनायी….
कुछ इधर से कुछ उधर से मनभावन अलफ़ाज़ उठाये….
तब कहीं एक सुन्दर सी कविता लिख पाये…
और “चन्दर” फिर कवि बन शान से बाहर आये….
\
/सी.एम.शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 569 Views
Books from CM Sharma
View all

You may also like these posts

कभी-कभी मुझे यूं ख़ुद से जलन होने लगती है,
कभी-कभी मुझे यूं ख़ुद से जलन होने लगती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कितने भारत
कितने भारत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"पैसा"
Dr. Kishan tandon kranti
कर्मफल
कर्मफल
मनोज कर्ण
*
*"अवध के राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
क्षेत्रक
क्षेत्रक
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
इश्क़  जब  हो  खुदा  से  फिर  कहां  होश  रहता ,
इश्क़ जब हो खुदा से फिर कहां होश रहता ,
Neelofar Khan
हिंदी के ज्ञानपीठ पुरस्कार (शार्ट ट्रिक)
हिंदी के ज्ञानपीठ पुरस्कार (शार्ट ट्रिक)
गुमनाम 'बाबा'
मांगती हैं जिंदगी
मांगती हैं जिंदगी
Dr.sima
जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
Neeraj kumar Soni
एक लम्हा
एक लम्हा
हिमांशु Kulshrestha
*श्रीराम और चंडी माँ की कथा*
*श्रीराम और चंडी माँ की कथा*
Kr. Praval Pratap Singh Rana
बहती नदी का करिश्मा देखो,
बहती नदी का करिश्मा देखो,
Buddha Prakash
I call this madness love
I call this madness love
Chaahat
गरिमा
गरिमा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मैं नारी हूँ
मैं नारी हूँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कागज़ ए जिंदगी
कागज़ ए जिंदगी
Neeraj Agarwal
4282.💐 *पूर्णिका* 💐
4282.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
sushil sarna
मनमीत
मनमीत
पं अंजू पांडेय अश्रु
अपनी नज़र में
अपनी नज़र में
Dr fauzia Naseem shad
#स्पष्टीकरण-
#स्पष्टीकरण-
*प्रणय*
तेरा इश्क जब ख़ुशबू बनकर मेरी रूह में महकता है
तेरा इश्क जब ख़ुशबू बनकर मेरी रूह में महकता है
शेखर सिंह
हम जंगल की चिड़िया हैं
हम जंगल की चिड़िया हैं
ruby kumari
हे मन
हे मन
goutam shaw
ग़़ज़ल
ग़़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
अपना माना था दिल ने जिसे
अपना माना था दिल ने जिसे
Mamta Rani
दौलत नहीं, शोहरत नहीं
दौलत नहीं, शोहरत नहीं
Ranjeet kumar patre
हो चाहे कठिन से भी कठिन काम,
हो चाहे कठिन से भी कठिन काम,
Ajit Kumar "Karn"
Loading...