कवि के चिंता
कब तक ई लूट-मार चली!
का लाठी से-सरकार चली!!
हाय, लागत बा कि ख़ून में
छपके अब अख़बार चली!!
Shekhar Chandra Mitra
#अवामीशायरी #इंकलाबीशायरी
#चुनावीशायरी #सियासीशायरी
कब तक ई लूट-मार चली!
का लाठी से-सरकार चली!!
हाय, लागत बा कि ख़ून में
छपके अब अख़बार चली!!
Shekhar Chandra Mitra
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