कवि की कविता
सोच रहा था लिखूॅ शब्द में
मैं अपने एहसास
कुछ बातें अनूठी लिख दूँ
कुछ बातें हो खास।
समझ रहा हूँ एक बात तो,
अच्छा लेखन की है आस।
स्वयं सुखी हो पढकर कविता
किसी को आये यदि रास।
कोई समझ ले उत्तम कृति है
कोई समझ ले केवल हास।
कवि की कविता बह निकली जब
होता है कुछ भी एहसास ।
बात अमर हो कविता पाकर
वरना सब है व्यर्थ बकवास ।।
यही सकारात्मक सोच है,
बनी रहे जब तक कुछ आस।