Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Mar 2024 · 1 min read

“कवि की कविता”

डॉ लक्ष्मण झा परिमल

=================

सपनों में मेरी “कविता” आयी

मलिन ,शृंगार रहित

चुप -चाप खड़ी

मायूस पड़ी

पलकों से आँसू बहकर

सुउख चली थी

मटमैले परिधानों में

शांत लिपटी हुई

वो मिली खड़ी !

अपनी “कविता” का हाल देख

मैं दग्ध हुआ

विचिलित मन मेरा डोल गया

आखिर क्यूँ ऐसा

इनका ये हाल हुआ ?

जिस कविता का मैं सृजन किया

रस ,छंदों और लय

से उनका शृंगार किया

रंग भरा

खुसबुओं का अलंकार भरा

सकारात्मक भंगिमा से व्याप्त किया

सत्यम ,शिवम और सुंदरम

का रूप दिया !

पर आज भला इस रूप

मैं क्यों अपनी “कविता” को देख रहा हूँ ?

उठकर उन्हें प्रणाम किया !

बहुत समय वो मौन रही

कुछ कह ना सकी बस खड़ी रही !

“ आखिर कुछ तो बोलें भी

क्यूँ ऐसे आप दिखतीं हैं

क्या बात हुई मुझसे तो कहें

क्यूँ बिचलित सी लगतीं हैं ?”

कविता की आँखें

सजल हुई

करुणा बोली से छलक गयी

“ मैं क्या बोलूँ तुमसे कवि

तुम मुझको लिखना भूल गए

मुझे रस ,अलंकार और लय

से सजाना तुम भूल गए !”

मर्यादा में रहकर

सब बातों को लिखते रहना

लोग पढ़े या तिरस्कार करें

मुझको रंगों से भरते रहना !”

इतने में सपना मेरा टूटा

ना जाने कविता

कहाँ गयी

पर कविता की व्यथा

को मैं समझा गया

उनको कभी भी ना

मैं फिर निराश किया !!

======================

डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”

साउंड हेल्थ क्लिनिक

एस ० पी ० कॉलेज

दुमका

झारखण्ड

भारत

31.03.2024

Language: Hindi
111 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
न पाने का गम अक्सर होता है
न पाने का गम अक्सर होता है
Kushal Patel
हिन्द देश के वासी हम सब हिन्दी अपनी शान है
हिन्द देश के वासी हम सब हिन्दी अपनी शान है
Saraswati Bajpai
खुल गया मैं आज सबके सामने
खुल गया मैं आज सबके सामने
Nazir Nazar
रुख़सारों की सुर्खियाँ,
रुख़सारों की सुर्खियाँ,
sushil sarna
हम हरियाला राजस्थान बनायें
हम हरियाला राजस्थान बनायें
gurudeenverma198
میں ہوں تخلیق اپنے ہی رب کی ۔۔۔۔۔۔۔۔۔
میں ہوں تخلیق اپنے ہی رب کی ۔۔۔۔۔۔۔۔۔
Dr fauzia Naseem shad
नौकरी
नौकरी
Aman Sinha
तू  फितरत ए  शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
तू फितरत ए शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
Dr Tabassum Jahan
वाह भाई वाह
वाह भाई वाह
Dr Mukesh 'Aseemit'
छठ पूजा
छठ पूजा
©️ दामिनी नारायण सिंह
"बेल की महिमा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
पावस की ऐसी रैन सखी
पावस की ऐसी रैन सखी
लक्ष्मी सिंह
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
Anil chobisa
अगर युवराज का ब्याह हो चुका होता, तो अमेठी में प्रत्याशी का
अगर युवराज का ब्याह हो चुका होता, तो अमेठी में प्रत्याशी का
*प्रणय*
एक ज़माना था .....
एक ज़माना था .....
Nitesh Shah
आओ इस दशहरा हम अपनी लोभ,मोह, क्रोध,अहंकार,घमंड,बुराई पर विजय
आओ इस दशहरा हम अपनी लोभ,मोह, क्रोध,अहंकार,घमंड,बुराई पर विजय
Ranjeet kumar patre
कांटों के संग जीना सीखो 🙏
कांटों के संग जीना सीखो 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
3837.💐 *पूर्णिका* 💐
3837.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*करिए गर्मी में सदा, गन्ने का रस-पान (कुंडलिया)*
*करिए गर्मी में सदा, गन्ने का रस-पान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज
तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज
कवि रमेशराज
चाहतों की सेज न थी, किंतु ख्वाबों  का गगन था.....
चाहतों की सेज न थी, किंतु ख्वाबों का गगन था.....
दीपक झा रुद्रा
इक चाँद नज़र आया जब रात ने ली करवट
इक चाँद नज़र आया जब रात ने ली करवट
Sarfaraz Ahmed Aasee
आहों का अब असर देखेंगे।
आहों का अब असर देखेंगे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"सुकून"
Dr. Kishan tandon kranti
जब आए शरण विभीषण तो प्रभु ने लंका का राज दिया।
जब आए शरण विभीषण तो प्रभु ने लंका का राज दिया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
इक ऐसे शख़्स को
इक ऐसे शख़्स को
हिमांशु Kulshrestha
ज्ञान का अर्थ अपने बारे में होश आत्मबोध
ज्ञान का अर्थ अपने बारे में होश आत्मबोध
ओंकार मिश्र
लड़को की योग्यता पर सवाल क्यो
लड़को की योग्यता पर सवाल क्यो
भरत कुमार सोलंकी
बदलती फितरत
बदलती फितरत
Sûrëkhâ
मृत्यु शैय्या
मृत्यु शैय्या
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Loading...