*नई कविता******
“नई कविता”..
***************
बारिश के मौसम ,
अपने ख्वाबों को सजा ले,
प्रतियोगिता का प्रथम स्थान,
आज का ये मौसम,
जिंदगी का ये सफर,
क्या हम खुश हैं,
शर्तों पर आधारित प्यार,
ख्वाबों की दुनिया का सच,
किसने सोचा था,
आइना झूठा है,
आहिस्ता आहिस्ता,
बांट लेंगे खुशियां,
जगी आशा की किरण,
पहली मुलाकात में,
रिश्तों का मोह,
नया जमाना आ गया,
वो कौन थी,
क्या मुझे भूल जायेगी वो,
रस काव्य की आत्मा है,
विवाह,
जिंदगी सबकी अग्निपरीक्षा ले रही,
बहुत संघर्ष किया हम सबने,
कवि की कविता,
नेता के बोल,
मुक्तक,
पढ़ लिख कर भी,
आश्चर्य तो तब होता है,
गरीबी एक अभिशाप है,
काश; मैं एक छोटी सी,
जीवन समर (में ),
बड़ाई, धैर्य, अनुशासन,
मेरे सपनों में,
खेतों में हरियाली,
बारिश, जायेगा ये पर,
जान सांसत में है,
मां तू जो होती,
कहां छोड़कर चली गई तू,
मैं टूट चुका हूं,
तुम जो जुदा न होती,
मैं पराया हूं,
उतना प्यार ना दें,
ख्वाबों को सच करके दिखाना है,
शब्द कम नही पड़ेंगे…..
…………….✍️
स्वरचित सह मौलिक
पंकज कर्ण
कटिहार।
१५/६/२०२१