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27 Dec 2020 · 1 min read

कवि कहॉं मरता है

कवि कभी मरता नहीं,
वाणी शेष होती नहीं।
वह रह जाता है नीली स्याही में
वह रह जाता है प्रेम की पाती में।
वह रह जाता है आमों ख़ास के ख़्यालों में
वह रह जाता है चाय की चुस्की,
खीर के प्यालों में।
देह छूट भी जाए,
आत्मा से कहॉं मरता है,
कवि कहॉं मरता है
कवि कहॉं मरता है ।।

महाकवि अटलजी को नमन ?

सुनीता सिंघल

Language: Hindi
12 Likes · 20 Comments · 440 Views
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