कविता
हैं लब तेरे खामोश मगर नैना हैं बोलते।
सुन राज़ तेरे दिल का, इशारों से खोलते।
कुछ लोग नीलम पक्के बहुत नाप तोल में
भावों को लेते भांप, फिर ही बात बोलते।
क्या है भला रुआब,जो है बस दिखावे का सुनो
आते हैं काम अपने, नहीं काम आती दौलतें।
नीलम शर्मा