कविता
वनवास पूर्ण हुआ
राम अवध आये
अमावस की रात
उजियाला हुआ
राम लौट आये
घर रोशन हुए
कतारें दियों की
सजी धजी है
हर और उमंग
नव उल्लास
रामराज आया
सुख समृद्धि
यश वैभव
सारा दिखा
अब तम मिटा
मन का दीप जला
अपने राम
ह्रदय में बिठा
दीपज्योति बन
रोशनी कर
अंधकार जीत
प्रकाश रश्मि देख
आशा विश्वास की
कुछ नया कर
देश हित काम कर
कवि राजेश पुरोहित