Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2024 · 1 min read

कविता

लेखनी
शब्दों की गागर में भावों का सागर
रखती छुपाए सदा लेखनी
कल आज कल में जीवन के पल में
अंतर बताती सदा लेखन।
बन करके साथी रहती है संग में
जिसने भी इसका रखामान है
सपनों का संसार जीने की हर राह
जो चाहो बताये सदा लेखनी।
जादू है इसके हर हर्फ में
जो लिखा बना वो अमिट काल तक
मन की छवि को उकेरे हूनर से
जो सोचो दिखाएं सदा लेखनी।
मेले अकेले में सुख और दुख के रेले में
जिसने इसे हमसफ़र चुन लिया
दुनिया की परवाह क्या वह करे
जिसकी दुनिया बसाये सदा लेखनी।
ताकत से करती हुकूमत सभी पर
अजर और अमर जिसकी पहचान है
जीना सिखाए जग को जगाये
दुख में हँसाये सदा लेखनी ।

नमिता शर्मा

Language: Hindi
2 Likes · 161 Views

You may also like these posts

Thinking
Thinking
Neeraj Agarwal
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
Rj Anand Prajapati
पता नहीं गुरुदेव
पता नहीं गुरुदेव
लक्की सिंह चौहान
श्री राम
श्री राम
Neerja Sharma
//जीवन आपका और मुकर्रर भी //
//जीवन आपका और मुकर्रर भी //
Koमल कुmari
राम के नाम की ताकत
राम के नाम की ताकत
Meera Thakur
नजराना
नजराना
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
Sharing the blanket
Sharing the blanket
Deep Shikha
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कितने धीमे से
कितने धीमे से
अंकित आजाद गुप्ता
प्रभु श्रीराम पधारेंगे
प्रभु श्रीराम पधारेंगे
Dr. Upasana Pandey
मौत पर लिखे अशआर
मौत पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
वन्दे मातरम
वन्दे मातरम
Swami Ganganiya
दिखाकर  स्वप्न  सुन्दर  एक  पल में  तोड़ जाते हो
दिखाकर स्वप्न सुन्दर एक पल में तोड़ जाते हो
Dr Archana Gupta
आने दो कुँवार, खिलेगी सुनहरी धान
आने दो कुँवार, खिलेगी सुनहरी धान
Shreedhar
भूल गया कैसे तू हमको
भूल गया कैसे तू हमको
gurudeenverma198
क्या करना उस मित्र का, मुँह पर करता वाह।
क्या करना उस मित्र का, मुँह पर करता वाह।
डॉ.सीमा अग्रवाल
वंदे मातरम
वंदे मातरम
Deepesh Dwivedi
तेरे जागने मे ही तेरा भला है
तेरे जागने मे ही तेरा भला है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सगळां तीरथ जोवियां, बुझी न मन री प्यास।
सगळां तीरथ जोवियां, बुझी न मन री प्यास।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
अंतर बहुत है
अंतर बहुत है
Shweta Soni
#मर्म-
#मर्म-
*प्रणय*
सरस्वती माँ ज्ञान का, सबको देना दान ।
सरस्वती माँ ज्ञान का, सबको देना दान ।
जगदीश शर्मा सहज
अनुपम पल्लव प्रेम का
अनुपम पल्लव प्रेम का
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
चील .....
चील .....
sushil sarna
माँ
माँ
अनिल मिश्र
दुकान मे बैठने का मज़ा
दुकान मे बैठने का मज़ा
Vansh Agarwal
कलम की दुनिया
कलम की दुनिया
Dr. Vaishali Verma
"अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...