कविता
कविता
आये हमारे पूर्वज सत्कार कीजिये।
सेवा व श्रद्धा पूर्वक सत्कार कीजिये।
इनसे हमें मिला है आज नाम कुल व वंश।
रक्त धमनियों में इनका हम हैं इनके अंश।
तर्पण के पुण्यकर्म को स्वीकार कीजिये।
आये हमारे पूर्वज सत्कार कीजिये।1।
आशीष इनका पाके मिले मान यश व बल।
श्रद्धा से श्राद्ध कीजिये आया शुभ ये पल।
कुछ तो समय निकालिये उपकार कीजिये।
आये हमारे पूर्वज सत्कार कीजिये।2।
पंद्रह दिनो में ईश्वर भी इनके साथ हैं।
खुश हैप्रभु भी इनका अगर सर पे हाथहै।
ऋण सेवा से उतारिये न,इंकार कीजिये।
आये हमारे पूर्वज सत्कार कीजिये।4।
नमिता शर्मा