Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2023 · 1 min read

“कविता”

अक्सर लिखती हूँ तुम्हे
हर बात के लिये
लो आज कुछ बात लिखूं तुम्हारे लिए
हर ज़ुबाँ में पहचान लिए,
बिना जिस्म के जान लिए
कभी चुप-खामोश,कभी रुदन-क्रंदन
तो कभी जोश-आक्रोश लिए
तुम हर भाव हर स्वभाव को
खुद में समेट के रखती हो,
तुम जला देती है उम्मीद की हर लौ तो
स्वाह कर देती हो हर निराशा,हर हताशा को
तुम बचपन सी चहकती हो
जवानी सी बहकती हो
चाँद तारे,बारिश,पुरवाईयाँ
बेचैनी,सुकूँ,इश्क़,रुसवाईयाँ
सबकी कहानी कहती हो,
कभी आह बन,कभी वाह बन
कैसे भी उतर ही जाती हो दिल में
न वक़्त की मोहताज तुम
न जिस्म, जगह और न ज़ुबाँ की,
जब भी झिझकता है दिल कुछ कहने से
चंद अल्फ़ाज़ों का बुरक़ा पहन
तुम सब कुछ कह देती हो,
और समेट लेती हो
मेरे बिखरे-बिखरे से मन को
सखी,सहेली,हमसफर,मेरी राज़दार
या मेरे ज़ज़्बातों की पोटली
हमारे रिश्ते का कुछ भी हो शीर्षक
हम बेफिक्रे,बिंदास कहे “इंदु”
हमें पड़ता कोई फर्क नहीं
इस बात का कोई तर्क नहीं😉

मेरी हर दुविधा में सुविधा
मेरी “कविता”😊

“इंदु रिंकी वर्मा”

Language: Hindi
1 Like · 165 Views

You may also like these posts

मेरा और उसका अब रिश्ता ना पूछो।
मेरा और उसका अब रिश्ता ना पूछो।
शिव प्रताप लोधी
सुकून
सुकून
Harminder Kaur
🙅आत्म-कथ्य🙅
🙅आत्म-कथ्य🙅
*प्रणय*
बरसात
बरसात
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
सत्य पर चलना बड़ा कठिन है
सत्य पर चलना बड़ा कठिन है
Udaya Narayan Singh
पल दो पल की शोहरतें भी तमाशे जैसी है,
पल दो पल की शोहरतें भी तमाशे जैसी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
With every step, you learn, you soar,
With every step, you learn, you soar,
Sakshi Singh
दोनों हाथों की बुनाई
दोनों हाथों की बुनाई
Awadhesh Singh
*सेना की अक्सर दिखी, कुटिल हृदय की चाह (कुंडलिया)*
*सेना की अक्सर दिखी, कुटिल हृदय की चाह (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
रावण का पुतला
रावण का पुतला
SURYA PRAKASH SHARMA
पत्रकार दिवस
पत्रकार दिवस
Dr Archana Gupta
वो जो है नहीं....
वो जो है नहीं....
Madhavi Srivastava
तुम्हें मुझको रिझाना चाहिये था
तुम्हें मुझको रिझाना चाहिये था
अर्चना मुकेश मेहता
इल्जामों के घोडे
इल्जामों के घोडे
Kshma Urmila
तुमसे मिलना, शायद नहीं है किस्मत में l
तुमसे मिलना, शायद नहीं है किस्मत में l
अरविन्द व्यास
चलते चलते
चलते चलते
Ragini Kumari
मेरा भारत बड़ा महान
मेरा भारत बड़ा महान
पूनम दीक्षित
सुंदरता अपने ढंग से सभी में होती है साहब
सुंदरता अपने ढंग से सभी में होती है साहब
शेखर सिंह
कन्या भ्रूण हत्या
कन्या भ्रूण हत्या
Sudhir srivastava
पारले-जी
पारले-जी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
कविता
कविता
Rambali Mishra
ग़ज़ल-कुछ नहीं आता !
ग़ज़ल-कुछ नहीं आता !
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
गूंजा बसंतीराग है
गूंजा बसंतीराग है
Anamika Tiwari 'annpurna '
" फलसफा "
Dr. Kishan tandon kranti
मुफ़लिसी से वो डर गया होगा ,
मुफ़लिसी से वो डर गया होगा ,
Dr fauzia Naseem shad
आज़ादी की शर्त
आज़ादी की शर्त
Dr. Rajeev Jain
दरवाज़े
दरवाज़े
Bodhisatva kastooriya
ज्यादा सोचना बंद करो
ज्यादा सोचना बंद करो
पूर्वार्थ
4260.💐 *पूर्णिका* 💐
4260.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अकड़ाई
अकड़ाई
उमेश बैरवा
Loading...