कविता
“मीत जिन्दगी”
गम उठाने के लिए हीं जिन्दगी होती है ।
कब सुख से भरपूर ये जिन्दगी होती है ।
जिसने दुख से नाता बना लिया उसकी ,
फूल सी मुस्कान भरी जिन्दगी होती है ।
जीवन से जो हारे बैठे रहतें हैं
निश्चय हारने के लिए जिन्दगी होती है ।
अपने अंदर भी कभी झाँक कर देखें तो
अपार शक्तियों से भरी जिन्दगी होती है ।
सुख दुख तो अपना हीं संसार होता है
आश मिटे नहीं यही जिन्दगी होती है ।
घुम रहा समय का पहिया रैन दिवस ये
तेज बहुत रफ्तार लिए जिन्दगी होती है
मन कभी न हारे जीवन से यदि प्यार है
छोटा न हो ये मन मीत जिन्दगी होती है ।
प्रमिला श्री