कविता
हम न जीतब तौ उनका हराय दीबै।
ई इलेक्शन मा तिगड़ी लगाय दीबै।
साल भर ते किहा दौरा हम क्षेत्र मा,
अपनि ओकाति सबका देखाय दीबै।
चाहे दारू पियावै क हमका परै।
चाहे बकरा कटै चाहे मुर्गा कटै।
नीर नीरज के नयनन बहाय दीबै।
हम न जीतेन तौ उनका हराय दीबै।।
ई इलेक्शन मा तिगड़ी लगाय दीबै।
हिंदुस्तान बरेली 21 जनवरी ताक धिना धिन प्रकाशित