Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Nov 2018 · 1 min read

कविता

“माँ”
—–

बारिश की बूदों में माँ तू, प्रेम सरस बरसाती है।
तेज धूप के आतप में तू ,छाँव बनी दुलराती है।

तुझसे मेरा जीवन है माँ, मैं तेरी ही परछाई।
तेरी मूरत उर में रख माँ, पूज सदा ही मुस्काई।

मैं तेरी बाहों में झूली, लटक-लटक कर मदमाती।
याद करूँ जब बचपन अपना,सिसक-सिसक कर रह जाती।

याद नहीं घुटनों पर चलकर,जाने कब मैं खड़ी हुई।
कितनी बार गिरी सँभली मैं,अँगुली थामे बड़ी हुई।

देख अश्क मेरे नयनों में,लपक दौड़ कर तू आती।
अंक लगा मुझको तू रोती,मेरे सपने सहलाती।

जब भी कोई ज़िद करती मैं,बड़े प्यार से समझाती।
सात खिलौने देकर मुझको, चंदा मामा दिखलाती।

काला टीका, दूध-मलाई ,माँ के खेल-तमाशे थे।
भूखी-प्यासी रहकर माँ ने, मुझको दिए बताशे थे।

नेह पगे चुंबन दे देकर, माँ ने बहुत हँसाया है।
आलिंगन में भर-भर मुझको,ढेरों लाड़ लड़ाया है।

तेरे आँचल की ममता माँ, मुझको बहुत रुलाती है।
आज कहे रजनी माँ तुझसे,याद बहुत तू आती है।

डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
वाराणसी (उ. प्र.)
संपादिका-साहित्य धरोहर

Language: Hindi
3 Likes · 300 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
शिक्षक को शिक्षण करने दो
शिक्षक को शिक्षण करने दो
Sanjay Narayan
बहुत ही हसीन तू है खूबसूरत
बहुत ही हसीन तू है खूबसूरत
gurudeenverma198
समसामायिक दोहे
समसामायिक दोहे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
International Camel Year
International Camel Year
Tushar Jagawat
अलगाव
अलगाव
अखिलेश 'अखिल'
तस्वीर!
तस्वीर!
कविता झा ‘गीत’
जीवन को जीतती हैं
जीवन को जीतती हैं
Dr fauzia Naseem shad
दिल टूटने के बाद
दिल टूटने के बाद
Surinder blackpen
*कमबख़्त इश्क़*
*कमबख़्त इश्क़*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
Shashi kala vyas
लिख दो ऐसा गीत प्रेम का, हर बाला राधा हो जाए
लिख दो ऐसा गीत प्रेम का, हर बाला राधा हो जाए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ग़ज़ल __
ग़ज़ल __ "है हकीकत देखने में , वो बहुत नादान है,"
Neelofar Khan
सहारे
सहारे
Kanchan Khanna
ग़ज़ल-दर्द पुराने निकले
ग़ज़ल-दर्द पुराने निकले
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
अल्फ़ाज़ हमारे”
अल्फ़ाज़ हमारे”
Yogendra Chaturwedi
"PERSONAL VISION”
DrLakshman Jha Parimal
ମର୍ଯ୍ୟାଦା ପୁରୁଷୋତ୍ତମ ଶ୍ରୀରାମ
ମର୍ଯ୍ୟାଦା ପୁରୁଷୋତ୍ତମ ଶ୍ରୀରାମ
Bidyadhar Mantry
“Don't give up because of one bad chapter in your life.
“Don't give up because of one bad chapter in your life.
Neeraj kumar Soni
बेटी लक्ष्मी रूप है
बेटी लक्ष्मी रूप है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
जागरूकता के साथ शुद्धि के तरफ कैसे बढ़े। ~ रविकेश झा ।
जागरूकता के साथ शुद्धि के तरफ कैसे बढ़े। ~ रविकेश झा ।
Ravikesh Jha
उतर गए निगाह से वे लोग भी पुराने
उतर गए निगाह से वे लोग भी पुराने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
😢
😢
*प्रणय*
हिंदी कब से झेल रही है
हिंदी कब से झेल रही है
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
इक्क्सिवि शताब्दी में जी रहे हैं हम लोगों को शायद ये समझना ह
इक्क्सिवि शताब्दी में जी रहे हैं हम लोगों को शायद ये समझना ह
पूर्वार्थ
*असर*
*असर*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
विश्व कप
विश्व कप
Pratibha Pandey
4485.*पूर्णिका*
4485.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"जवाब"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा पंचक. . . .इश्क
दोहा पंचक. . . .इश्क
sushil sarna
ये खुदा अगर तेरे कलम की स्याही खत्म हो गई है तो मेरा खून लेल
ये खुदा अगर तेरे कलम की स्याही खत्म हो गई है तो मेरा खून लेल
Ranjeet kumar patre
Loading...