कविता
देवउठनी एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएँ…..
सूप की पिटाई गन्ने के साथि
भगाये दलिदर बसाये घरे राम
दादी आज सुबह-सुबह बस
यही करे काम!
खूब पीटे जायेगें सूप भइया
आजु की सुबह
भोर भये यही बात कहे
कौनि के देखे रहे सबेरे-
सबेरे मुँह जौनि
घर-घर के मेहरारू
ताने गन्ना फटा-फटा
हाथन से जड़त दिहे रे!
.
शालिनी साहू
ऊँचाहार,रायबरेली(उ०प्र०)