कविता
कोरोनावायरस तो दूर था कुशीनगर से
हमसभी तो होने लगे थे बेफिकर से
कानपुर से फैलाया तरया सुजान तक
पुलिसकर्मियों ने किया सम्बंधियो पे शक
इधर मयखाना के बेगैर बेचैनी है
अरे ये कोई सम्पत्ति पुश्तैनी है
घर में खुद को लाक कर लिजिए
साबुन से हाथ साफ कर लिजिए
हमारा कुशीनगर था ग्रीन जोन में
कोरोना छुपा था जाने किस कोन में
अब तो खुदा ही है बचाने वाला
घर के मुख्य द्वार पर लगाओ ताला
नूरफातिमा खातून” नूरी”
6/5/2020