कविता
“”यादें””
यादें मिठाई के डिब्बे की तरह होती है…
एक बार खुला तो एक टुकड़ा तक,
नहीं खा पाओगे…
आज फिर से यादों के पन्नों में खो गयी,
वापस लौटी तो आंखों में लेकर आंसू,
कुछ यादें ताजा हुई..
बहुत सी घटनाएं हुई..?
अपने बिछड़े कुछ सपने टूटे,
जिंदगी फिर से तन्हा हुई..
इबादत उसकी कबूल हुई..
आंखों से आंसू गिरे ना,
फिर भी दिल फूटकर रोया..
जिसे चाहा था दिल से,
उसे मैंने है खोया…।।
यादें..??