Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jun 2023 · 1 min read

कविता शीर्षक – सेवानिवृति — लेखक राठौड़ श्रावण आदिलाबाद

हाम क्षीक्षा विभाग के कर्मी
मेहनत और ईमान के धर्मी !२!

देते तुमको आज बिदाई ।
सुख संपन रहो मेरे भाई !१!

कई दसक हाम सात रहे हैं
दु:ख हिन सुख सात सहे है।

दु:ख कि दुप जलति कैसे
बरगत जैसी चाँओँ जो पाई
सुख संपन रहो मेरे भाई ।

दौर सुनेरा नहीं गया है
नया सवेरा आज हुआ है

जो कुछ वस्ताओ में झुठा
वह पाने की रुतु है आई
सुख संपन रहो मेरे भाई

दुनिया दारी खुब निबओं
और घरमे से खर्चा पाऔ

पात पुराने हुते तो क़या है
नई पहल तो तुमसे आई
सुख संपन रहो मेरा भाई
—————- लेखक राठौड़ श्रावण हिंदी प्रध्यापक साशकिय कनिष्ठ माहाविध्यालय इंद्रवेल्लि आदिलाबाद तेलंगाणा

Language: Hindi
1 Like · 242 Views

You may also like these posts

भावनाओं की किसे पड़ी है
भावनाओं की किसे पड़ी है
Vaishaligoel
Shayari
Shayari
Sahil Ahmad
सूत जी, पुराणों के व्याख्यान कर्ता ।।
सूत जी, पुराणों के व्याख्यान कर्ता ।।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गुस्सा सातवें आसमान पर था
गुस्सा सातवें आसमान पर था
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बाण मां सूं अरदास
बाण मां सूं अरदास
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
पुरुष और स्त्री
पुरुष और स्त्री
पूर्वार्थ
* बढ़ेंगे हर कदम *
* बढ़ेंगे हर कदम *
surenderpal vaidya
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आफ़ताब
आफ़ताब
Atul "Krishn"
चार दिन की जिंदगानी है यारों,
चार दिन की जिंदगानी है यारों,
Anamika Tiwari 'annpurna '
डर डर जीना बंद परिंदे..!
डर डर जीना बंद परिंदे..!
पंकज परिंदा
पहले नदियां थी , तालाब और पोखरें थी । हमें लगा पानी और पेड़
पहले नदियां थी , तालाब और पोखरें थी । हमें लगा पानी और पेड़
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
रोज गमों के प्याले पिलाने लगी ये जिंदगी लगता है अब गहरी नींद
रोज गमों के प्याले पिलाने लगी ये जिंदगी लगता है अब गहरी नींद
कृष्णकांत गुर्जर
पिटूनिया
पिटूनिया
अनिल मिश्र
■ आज की सलाह। धूर्तों के लिए।।
■ आज की सलाह। धूर्तों के लिए।।
*प्रणय*
अनोखे संसार की रचना का ताना बाना बुनने की परिक्रिया होने लगी
अनोखे संसार की रचना का ताना बाना बुनने की परिक्रिया होने लगी
DrLakshman Jha Parimal
4310.💐 *पूर्णिका* 💐
4310.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अटल सत्य
अटल सत्य
Akshay patel
*लक्ष्मीबाई वीरता, साहस का था नाम(कुंडलिया)*
*लक्ष्मीबाई वीरता, साहस का था नाम(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कैसा हो रामराज्य
कैसा हो रामराज्य
Rajesh Tiwari
दीप
दीप
Karuna Bhalla
सुविचार
सुविचार
Neeraj Agarwal
लहजा
लहजा
Naushaba Suriya
“आँख खुली तो हमने देखा,पाकर भी खो जाना तेरा”
“आँख खुली तो हमने देखा,पाकर भी खो जाना तेरा”
Kumar Akhilesh
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
Keshav kishor Kumar
"गीत"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम की डोर सदैव नैतिकता की डोर से बंधती है और नैतिकता सत्क
प्रेम की डोर सदैव नैतिकता की डोर से बंधती है और नैतिकता सत्क
Sanjay ' शून्य'
रामराज्य
रामराज्य
Suraj Mehra
ज़िंदगी में बेहतर नज़र आने का
ज़िंदगी में बेहतर नज़र आने का
Dr fauzia Naseem shad
प्रत्येक नया दिन एक नए जीवन का आरम्भ हैं , जिसमें मनुष्य नए
प्रत्येक नया दिन एक नए जीवन का आरम्भ हैं , जिसमें मनुष्य नए
Raju Gajbhiye
Loading...