कविता:- शब्द ब्रह्म है
शब्द ब्रह्म है
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शब्द तो ब्रह्म है, शब्द शब्द में प्राण है।
शब्द लक्षित होते, शब्द ही विज्ञान है।।
शब्द से लिखी रामायण ,गीता पुराण है।
शब्द को जो जपे , उसे ईश्वरीय ज्ञान है।।
शब्द कर्मपथ दिखाता , शब्द ही त्राण है।
शब्द देवत्व जगाता, शब्द से ही ध्यान है।।
शब्द सदगुरू से मिले, जो देते विधान है।
शब्द से होती जीव की, सबको पहचान है।।
शब्द भाग्य बदलता, शब्द का रखो भान है।
इसमें हिन्दू का राम मुस्लिम का रहमान है।।
कवि राजेश पुरोहित
भवानीमंडी
जिला -झालावाड़