कविता – नहीं करना पड़ता परिष्कार
सर्व सहिष्णु नहीं होते तो भारत नहीं बाटा जाता ,
किसी वीर सैनिक का सर शरहद पर नहीं काटा जाता ।
आँख उठाने की हिम्मत कोई भी देश नहीं करता
करता भी कोई दुस्साहस भारत के हाथों वो मरता भारत का कोई पाक चीन अधिकृत हिस्सा नहीं होता ,
न करना पड़ता सर्जिकल स्ट्राइक कश्मीर का किस्सा नहीं होता ।
गलती जो पहले कर वैठे न करना पड़ता परिष्कार ,
स्वदेशी का राग अलाप करके न करना पड़ता बहिष्कार ।
। । । । डाँ तेज स्वरूप भारद्वाज ।।।।।