दीप जलाएँ
आओ मिलकर दीप जलाएँ,
करुणा,दया, प्रेम दीपक में,
स्नेहों का तेल चढ़ाएं…
आओ मिलकर दीप जलाएँ ll
भेदभाव की ना हो आँधी,
राग-द्वेष की ना हो व्याधि,
समता की सरिता में बहकर,
आदर्शों की ज्योति जलाएँ,
आओ मिल कर दीप जलाएँ ll
कोई दीन-हीन ना होवे,
जग में सुख-समृद्धि होवे,
दुख का होगा नहीं अंधेरा,
शाश्वत सुख का होय सवेरा,
शांति पुंज बने अब ऐसा,
अखिल विश्व में अलख जगायें,
आओ मिलकर दीप जलाएँ ll