कविता का शीर्षक:-हे ईश्वर मालिक हे दाता
#महिला_दिवस_ विशेष_कुमार_संदीप_द्वारा_रचित_कविता:–
कविता का शीर्षक:-हे ईश्वर मालिक हे दाता
हे ईश्वर ,मालिक
हे दाता ! करो रक्षा अब
नारीयों की
हो गए हैं पापी अब मनुज
नीच बुद्धि से ग्रसित
कर दें इन कुविचारों का सर्वनाश
हे ईश्वर ,मालिक
हे दाता ! दें आशीष बहनों को
रहें सुरक्षित हर पल
हर जगहों पर
बुरी दृष्टि से देखने वालों को
कर दें नेत्रहीन
हे ईश्वर ,मालिक
हे दाता ! हो रहा कलयुग में
घोर पाप
मानव अब बन गए हैं दानव
न करते हैं नारी की रक्षा
इन पापीयों का
कर दो अंत
इनका जीवन व्यर्थ है
हे ईश्वर ,मालिक
हे दाता !कब होंगी बेटियां सुरक्षित
कब खुले आसमां में
पंख फैलाएँ उड़ेंगी
कुविचारी गिद्धों से
कर दें आप बहनों को सुरक्षित
©कुमार संदीप