Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2024 · 1 min read

” कविता और प्रियतमा

डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
===================
कोई बनती नहीं कविता ,
तुम्हारे दूर जाने से !
न जाओ भूलके मुझसे ,
किसी के और कहने से !!

तुम्हारे रूप से ही तो
बनीं है मेरी कविताएँ
तुम्हारी मुस्कुराहट से
सजी है मेरी आशाएँ

जरा तुम बोल देती हो
मधुर संगीत बनता है
अधर की भंगिमाओं से
नया एक ताल मिलता है

नयन को देखने से ही
मेरी कविता निखरती है
जो पलकों को गिरादो तो
नयी कोई बात बनती है

अधूरी मेरी कविता है
बिना तेरे रूप यौवन से
तेरा ही साथ है सब कुछ
नहीं कुछ चाह जीवन से

कोई बनती नहीं कविता ,
तुम्हारे दूर जाने से !
न जाओ भूलके मुझसे ,
किसी के और कहने से !!

=================
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड
भारत
02.02.2024

Language: Hindi
1 Like · 156 Views

You may also like these posts

बच्चे
बच्चे
Kanchan Khanna
The wrong partner in your life will teach you that you can d
The wrong partner in your life will teach you that you can d
पूर्वार्थ
सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा हिंदुस्तान
सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा हिंदुस्तान
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पल में सब  कुछ खो गया
पल में सब कुछ खो गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*अशोक कुमार अग्रवाल : स्वच्छता अभियान जिनका मिशन बन गया*
*अशोक कुमार अग्रवाल : स्वच्छता अभियान जिनका मिशन बन गया*
Ravi Prakash
ज़िंदगी में कामयाबी ज़रूर मिलती है ,मगर जब आप सत्य राह चुने
ज़िंदगी में कामयाबी ज़रूर मिलती है ,मगर जब आप सत्य राह चुने
Neelofar Khan
- प्रेम कभी भी किसी से भी हो सकता है -
- प्रेम कभी भी किसी से भी हो सकता है -
bharat gehlot
झलक को दिखाकर सतना नहीं ।
झलक को दिखाकर सतना नहीं ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
"उपबन्ध"
Dr. Kishan tandon kranti
3393⚘ *पूर्णिका* ⚘
3393⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
तुम और बिंदी
तुम और बिंदी
Awadhesh Singh
चरित्र
चरित्र
Khajan Singh Nain
!! आराम से राम तक !!
!! आराम से राम तक !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
बीज उजाळी भादवै, उमड़ै भगत अपार।
बीज उजाळी भादवै, उमड़ै भगत अपार।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
गौतम बुद्ध के विचार --
गौतम बुद्ध के विचार --
Seema Garg
ये घड़ी की टिक-टिक को मामूली ना समझो साहब
ये घड़ी की टिक-टिक को मामूली ना समझो साहब
शेखर सिंह
यूंँ छोड़ के जाओ ना
यूंँ छोड़ के जाओ ना
Akash Agam
पराया धन
पराया धन
इंजी. संजय श्रीवास्तव
हायकू
हायकू
Santosh Soni
ज़रा मुस्क़ुरा दो
ज़रा मुस्क़ुरा दो
आर.एस. 'प्रीतम'
जिंदगी के तराने
जिंदगी के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
😊भायला-भायलियों!
😊भायला-भायलियों!
*प्रणय*
अनमोल
अनमोल
Neeraj Agarwal
“मृदुलता”
“मृदुलता”
DrLakshman Jha Parimal
पत्नी   से   पंगा   लिया, समझो   बेड़ा  गर्क ।
पत्नी से पंगा लिया, समझो बेड़ा गर्क ।
sushil sarna
कलम और तलवार
कलम और तलवार
Kanchan verma
प्रेम
प्रेम
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
एक समय था जब शांतिप्रिय समुदाय के लोग घर से पशु, ट्यूवेल से
एक समय था जब शांतिप्रिय समुदाय के लोग घर से पशु, ट्यूवेल से
गुमनाम 'बाबा'
कुछ खो गया
कुछ खो गया
C S Santoshi
तेरा लहज़ा बदल गया इतने ही दिनों में ....
तेरा लहज़ा बदल गया इतने ही दिनों में ....
Keshav kishor Kumar
Loading...