कविता :– औरंगजेब इस सर जमीं का सबसे बड़ा नवाब था !!
कविता :– औरंगजेब इस सर जमीं का सबसे बड़ा नवाब था !!
पारदर्शिता का अनुयायी
जो सच का रखवाला था !
बाबर के कुल का चिराग
वो टोपी बुनने वाला था !!
जब से होश सम्हाला वो
खुद की मेहनत से खाया था !
राजकोष का पाई पाई
जन-जन में वर्शाया था !!
कौन यहाँ नायाब हुआ था
गद्दी में सतकर्मों से !
सत्ता तो सब नें छिनी थीं
मार धाड़ दुष्कर्मों से !!
ताजमहल की चकाचौंध में
जो अंधा था दासी में !
शाहजहाँ नें भी लुटवाया
राजपाठ अय्यासी में !!
बाप को बंदी करने में
ना सत्ता का कोई बहाना था !
घात लगाये दुश्मन से
बस अपना मुल्क बचाना था !!
गुनाह चाहे कैसा भी हो
गुनाह नहीँ तौला करते थे !
औरंगजेब के शाशन में तो
पत्थर भी बोला करते थे !!
सिकंदर भी जहां महान बना
वहाँ लाशों का सैलाब था !
औरंगजेब इस सर जमीं का
सबसे बड़ा नवाब था !!
अनुज तिवारी “इन्दवार”