Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jun 2023 · 1 min read

कविता : उदयकाल

दृश्य मनोहर उदयकाल का, स्वर्ग धरा पर है लाए।
जीव-जगत् में चहल-पहल हो, कली-कली है खिल जाए।।
शीतल पावन पवन चले है, सुरभि चमन में भर जाती।
सूर्य-लालिमा नीलगगन को, अद्भुत अनुपम कर जाती।।

सैर करो तुम उदयकाल में, मन हर्षित हो जाएगा।
अभ्यास योग करने से तन, नवल तंदुरुस्ती पाएगा।।
उदयकाल में सोनेवाले, उर्जावान नहीं बनते।
आलस में भरकर दिनभर, तनाव ग्रस्त बने रहते।।

सुनो शंख ध्वनि भजन कहीं तुम, परमशाँति मन में भरती।
कहीं चहकते पक्षी देखो, कहीं आरती मन हरती।।
देवभूमि है कर्मभूमि है, उदयकाल बतलाता है।
दृश्य-दृश्य हर कोना-कोना, आनंदित कर जाता है।।

सूर्य समय पर आकर सबको, अनुशासन सिखलाए है।
बिना थके मंज़िल तक जाओ, सीख एक भर जाए है।।
प्रातःकाल में उठकर ‘प्रीतम’, जीवन का हर सुख पाओ।
जागो और जगाओ सबको, मीत भोर के बन जाओ।।

#आर. एस. ‘प्रीतम’
#स्वरचित रचना

Language: Hindi
1 Like · 84 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
भावी युद्ध ...
भावी युद्ध ...
SURYA PRAKASH SHARMA
मन की आंखें
मन की आंखें
Mahender Singh
" मैं "
Dr. Kishan tandon kranti
सूरज को
सूरज को
surenderpal vaidya
तुलना करके, दु:ख क्यों पाले
तुलना करके, दु:ख क्यों पाले
Dhirendra Singh
कितना बदल रहे हैं हम
कितना बदल रहे हैं हम
Dr fauzia Naseem shad
शीर्षक – शुष्क जीवन
शीर्षक – शुष्क जीवन
Manju sagar
Life through the window during lockdown
Life through the window during lockdown
ASHISH KUMAR SINGH
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
#drArunKumarshastri
#drArunKumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
किसी की लाचारी पर,
किसी की लाचारी पर,
Dr. Man Mohan Krishna
जिंदगी
जिंदगी
Neeraj Agarwal
साया ही सच्चा
साया ही सच्चा
Atul "Krishn"
चेहरा नहीं दिल की खूबसूरती देखनी चाहिए।
चेहरा नहीं दिल की खूबसूरती देखनी चाहिए।
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पुरातत्वविद
पुरातत्वविद
Kunal Prashant
जिनके होंठों पर हमेशा मुस्कान रहे।
जिनके होंठों पर हमेशा मुस्कान रहे।
Phool gufran
चॉकलेट
चॉकलेट
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
वीर तुम बढ़े चलो...
वीर तुम बढ़े चलो...
आर एस आघात
"तर्के-राबता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ये ऊँचे-ऊँचे पर्वत शिखरें,
ये ऊँचे-ऊँचे पर्वत शिखरें,
Buddha Prakash
बाबुल का आंगन
बाबुल का आंगन
Mukesh Kumar Sonkar
*बाजारों में अब कहॉं, माॅलों में हैं लोग (कुंडलिया)*
*बाजारों में अब कहॉं, माॅलों में हैं लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जीवन भर चलते रहे,
जीवन भर चलते रहे,
sushil sarna
प्रेम.....
प्रेम.....
हिमांशु Kulshrestha
3186.*पूर्णिका*
3186.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पितृ दिवस
पितृ दिवस
Dr.Pratibha Prakash
Now we have to introspect how expensive it was to change the
Now we have to introspect how expensive it was to change the
DrLakshman Jha Parimal
अन्तर्मन
अन्तर्मन
Dr. Upasana Pandey
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय प्रभात*
है वक़्त बड़ा शातिर
है वक़्त बड़ा शातिर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Loading...