कल से भी बेहतर करो
कल तुम्हारे नाम से यह ग्राम जाना जाएगा।
इसलिए हर कर्म को तुम कल से भी बेहतर करो।
ग्राम की तस्वीर कल अखबार में छप जाएगी।
तुमसे मिलने, देखने तुमको, ये दुनिया आएगी।
देश में, परदेश में ,,,,,, यह नाम जाना जाएगा।।
इसलिए हर कर्म को तुम कल से भी बेहतर करो।
तुमसे है उम्मीद घर को, गांव को इस देश को।
हो फरिश्ते इस जहाँ के, बदलोगे परिवेश को।
फिर युगों तक यह तुम्हारा काम जाना जाएगा।।
इसलिए हर कर्म को तुम कल से भी बेहतर करो।
जिंदगी कल हो न हो पदचिन्ह ये रह जाएंगे।
जो भी कहना है तुम्हारे कर्म ही कह जाएंगे।
तुमने किसको क्या दिया परिणाम जाना जाएगा।।
इसलिए हर कर्म को तुम कल से भी बेहतर करो।
संतोष बरमैया जय